ओमप्रकाश चौटाला अंतिम दर्शन; तिरंगे में लिपटे, सिर पर हरी पगड़ी, तमाम नेता और चाहने वाले श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे, 3 बजे संस्कार

 Former CM OP Chautala Antim Darshan Last Journey Funeral

Former CM OP Chautala Antim Darshan Last Journey Funeral

OP Chautala Antim Darshan: हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री बने ओमप्रकाश चौटाला अब अपने अंतिम सफर पर हैं। बीते शुक्रवार को उनका निधन हो गया। गुरुग्राम में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह 89 साल के थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। ओमप्रकाश चौटाला का पार्थिव शरीर गुरुग्राम से सिरसा के तेजा खेड़ा फार्महाउस पर लाया गया है। यहां ओमप्रकाश चौटाला के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर रखा गया है। चौटाला को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जा रही है।

 Former CM OP Chautala Antim Darshan Last Journey Funeral

 

तमाम नेता और चाहने वाले श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे

हरियाणा सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत बीजेपी-कांग्रेस और तमाम दलों के कई नेता ओमप्रकाश चौटाला के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं। नेताओं के साथ-साथ चौटाला के करीबी, उनके चाहने वाले भी अंतिम दर्शन में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए हैं। सभी की तरफ से ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।

वहीं चौटाला परिवार में माहौल गमगीन है। चौटाला परिवार को राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला की कमी हमेशा खलती रहेगी। ओमप्रकाश चौटाला के निधन (OP Chautala Died) से चौटाला परिवार को गहरा धक्का लगा है। ओमप्रकाश चौटाला के निधन से आहत अभय चौटाला ने कहा कि, मैंने ही अपने पिता को नहीं बल्कि प्रदेश ने भी अपना बेटा आज खो दिया है। अभय चौटाला ने कहा कि, चाहें गुरूग्राम का विकास हो या प्रदेश का, या किसानों या ग्रामीणों का। चौटाला साहब ने सबके लिए काम किया।

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चौटाला का जाना, राजनीति के एक युग का अंत

ओमप्रकाश चौटाला का जाना हरियाणा की राजनीति के एक युग का अंत है। हरियाणा की राजनीति में ओमप्रकाश चौटाला का अहम योगदान रहा। ओमप्रकाश चौटाला दम में दम रहने तक राजनीति में सक्रिय रहे। ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के वो आखिरी मुख्यमंत्री थे, जिन्हें हरियाणा के पारंपरिक परिधान धोती-कुर्ता में देखा जाता था। ओमप्रकाश चौटाला के भाषण काफी दमदार माने जाते थे और यही वजह थी कि लोगों के साथ-साथ नेता भी उन्हें सुनते थे।

कहते हैं कि, ओमप्रकाश चौटाला ऐसे व्यक्ति और राजनेता रहे, जिन्होंने शायद ही अपने मुंह से कभी कोई कमजोर या थकी-हारी बात कही हो। चौटाला की बातों में हमेशा नयापन और जज्बा दिखता था। वह याददाश्त के भी बहुत तेज थे और व्यक्तिगत तौर से किसी को भी नहीं भूलते थे। इसलिए उन्हें राजनीति का योद्धा-पुरोधा भी कहा गया।

ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने पहुंचे  कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "स्वर्गीय चौधरी ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के राजनीति के योद्धा रहें। किसानों की लड़ाई और किसानों की बात निरंतर अलग-अलग राजनीतिक मंचों से उन्होंने सदैव उठाई। उनके जाने से प्रदेश की राजनीति को अपूर्णीय क्षति पहुंची है। कांग्रेस के हमारे सब साथी उनके इस अंतिम यात्रा उन्हें श्रद्धांजलि देने यहां आए हैं।''

वहीं कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला साहब के जाने से एक युग उनके साथ गया है वह बहुत अनुशासन में रहें और अंत तक एक्टिव रहें। आम लोगों के जीवन से जुड़े रहें, लोगों के दुख-दर्द को समझा। वह आखिर तक लोगों के बीच में रहना ही पसंद किए। उनके जाने से एक युग का अंत हुआ है और हरियाणा का एक बेटा हरियाणा ने खोया है।"

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